Wednesday, July 9, 2008

इक्तिज्ज़ा ऐ हमारी

इक्तिज्ज़ा ऐ हमारी की , हर हँसी हो तुम्हारी , हर सफर मे हो साथ तुम्हारा ...
है दुआ ऐ हमारी की , हर खुशी हो तुम्हारी , हर गम से हो सरोबार हमारा ...

2 comments:

Big Dreams said...

Boring...

Anonymous said...

haan sir..sach me ye wala boring hai :(