हाल ऐ दिल का अपने , मै सुनाऊ तो कैसे
राज ऐ गम का अपने , मैं बताऊ तो कैसे
चाहत की राहो पर , ठोकर जो खाई है ,
उठाने की हर कोशिस मे , नाकामी पाई है
चाल ऐ अपनी , तुमको , मैं दिखाऊ तो कैसे ....
हाल ऐ दिल का अपने , मै सुनाऊ तो कैसे
राज ऐ गम का अपने , मैं बताऊ तो कैसे
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अहेसास ऐ मोहब्बत मे , धोके ही धोके है
कसमे और वादे तो , झूठे ही होते है
बहते हुए अश्को की , झलक , दिखालाऊ तो कैसे ....
हाल ऐ दिल का अपने , मै सुनाऊ तो कैसे
राज ऐ गम का अपने , मैं बताऊ तो कैसे
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बारिश की बूंदे भी , अंगारे बरसाती है
तुझे भूलने की कोशिस , तेरी याद दिलाती है
जान ओ मेरी , तुमको , मैं भुलाऊ तो कैसे ....
हाल ऐ दिल का अपने , मै सुनाऊ तो कैसे
राज ऐ गम का अपने , मैं बताऊ तो कैसे
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सागर की लहेरो मे , तुझको ही दुन्द्दू मैं
रब की इबादत मे , तुझको ही पूजू मैं
अरमा ओ मेरी , तुझको , समझाऊ तो कैसे ....
हाल ऐ दिल का अपने , मै सुनाऊ तो कैसे
राज ऐ गम का अपने , मैं बताऊ तो कैसे
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जाते हुए लम्हों मे , तेरी सांसो की खुसबू
आते हुए पल पल मे , तुझे पाने की जुब्त्जू
मंजिल वो मेरी तुझसे दूर जाऊ तो कैसे ....
हाल ऐ दिल का अपने , मै सुनाऊ तो कैसे
राज ऐ गम का अपने , मैं बताऊ तो कैसे