Saturday, September 26, 2009

चाँद से ख़फा उसकी, चांदनी को मिलाने आया हू ...

चारो तरफ़ अँधेरा, सब कहते अँधेरी रात है

बात है कुछ और मगर, सब कहते यही बात है

राज की एक बात तुम्हे, मै बतलाने आया हू

चाँद से ख़फा उसकी, चांदनी को मिलाने आया हू

लिपट गई थी चांदनी मुझसे, भूल कर बात सब

इसीलिए तो छाई थी, देखो अँधेरी रात तब

नासमझ चांदनी की तुम्हे, दास्तान सुनाने आया हू

चाँद से ख़फा उसकी, चांदनी को मिलाने आया हू

कह गई वह बात मुझसे, जिसका कोई मतलब न था

बेवफा चाँद भी है, इसका मुझे तलब न था

चाँद संग अँधेरी का रिश्ता, चांदनी को समझाने आया हू

चाँद से ख़फा उसकी, चांदनी को मिलाने आया हू

तुम्हारा रूप संवारने खातिर, चाँद अँधेरी से मिलने जाता है

तुम्हे सबसे बेहतर बनाने मे, वह पन्द्रह दिवस लगाता है

अँधेरी बस जरिया, तुम, चाँद की पूरी मोहब्बत, समझाने आया हू

चाँद से ख़फा उसकी, चांदनी को मिलाने आया हू

मेरी बातो का मतलब शायद, चांदनी को समझ आया था

इसीलिए तो देखो तुम, आज, चाँद पूरा नजर आया था

भूल गम अपने सारे, मै, चांदनी मे रंगजाने आया हू

चाँद से ख़फा उसकी, चांदनी को मिलाने आया हू

Monday, August 31, 2009

चाहते हर पल बदलती, हवाओ के रुख सी यहाँ
मोहब्बते दरदर भटकती, निगाहे भी बेरुख सी यहां
दुआए मांग रही हीर, पर राँझा है किसी और के संग
हाँ, आजकल मोहब्बतों का, बस यही है एक रंग

Monday, August 24, 2009

तेरी यादो के वो हँसी पल, मेरी धडकनों पर महेरबान रहेगे

तेरी यादो के वो हँसी पल, मेरी धडकनों पर महेरबान रहेगे
खुशबुओ से महकती है राहे, तेरी साँसों के एहसान रहेगे
आँखों के इशारों को उनकी, जो समझ सकू तो महेरबान है खुदा
वरना तो जिन्दगी के भवंर में, भटकते कदमो के निशान रहेगे ...

Wednesday, August 19, 2009

इस जहाँ मे हुस्न के, दीवाने है कई

इस जहाँ मे हुस्न के, दीवाने है कई

हुस्न एक तुम, परवाने है कई

मै भी हू दीवाना तेरे, हुस्न ऐ दीदार का

पर क्या करू यारा, तुझे देखने वाले है कई

जैसे जुदा सब चेहरे यहाँ, जुदा है रंग कई

चेहरा एक तुम, अफ़साने है कई

मै भी हू परवाना तेरे, चश्मे बेदार का

पर क्या करू दिलदारा, तुझे चाहने वाले है कई

खुमार ऐ जाम का, या लबों से तेरे अनजाने है कई

जाम एक तुम, महखाने है कई

मै भी एक तराना तेरे, चर्चा ऐ नामदार का

पर क्या करू यारा, तुझे गाने वाले है कई

Monday, August 17, 2009

चाहते हर पल बदलती, हवाओं के रुख सी यहाँ ...

इश्क के दीवानों मे, अपना भी एक नाम हो

तुमसे ही सुबहे मेरी, तुमसे हर शाम हो

न कभी रूसवा मोहब्बत, न कभी बदनाम हो

तेरे ही दर पर मरू मै, बस यही अंजाम हो

चाहते हर पल बदलती, हवाओं के रुख सी यहाँ ...

मोहब्बते दर दर भटकती, निगाहें भी बेरुख यहाँ ...

तेरे हुस्न के महखाने मे, अपना भी एक जाम हो

तुमसे ही जन्नत मेरी, तुमसे हर काम हो

न कभी टूटे ये अरमां, दिल का यही पैगाम हो

तुझसे ही जुड़कर मेरी, अब बातें सरे आम हो

नजरे कुछ और कहती है, दिल मे बसा कोई और हुआ ...

आशिको की हर बात ऐसी, सागर से उठता जैसे धुआ ...

मज्नुओ की बरात मे, अपना भी इंतजाम हो

तुमसे ही अफ़साने अपने, तुमसे आराम हो

न कभी झूठे हो वादे, न कभी नाकाम हो

तुझसे है अब सारी कसमे, तेरा ही अरमां हो

Monday, July 13, 2009

कभी कभी दिल से बहती है, अश्को की एक लम्बी धारा...

कभी कभी दिल से बहती है, अश्को की एक लम्बी धारा
कैसे दिखाऊ मै तुमको वो दरिया जिसका नहो कोई किनारा

जबसे मुझसे रूठ गई तुम, हँसी नही होठो पे यारा
एक तुम ही थी हमदम मेरी, नजरो का तुम थी नजारा

कभी कभी मुझपर हंसती है, मेरी किस्मत कह मुझको बेचारा
कैसे बताऊ मै तुमको, कैसे हू मै ख़ुद से हारा

जहा तुम मुझको छोड़ गई थी, वही खड़ा हू अबतक यारा
तुमसे ही जन्नत थी मेरी, तुम ही थी जीने का सहारा

कभी कभी सीने मे जलती है, यादो की बुझती शरारह [sharaarah =chingaari]
कैसे समझाऊ मै तुमको, की तुम बिन नही अब मेरा गुजारा

जो तुम मुझको दिखा गई थी, अब नही दिखता वो सितारा
तुमसे ही रौशन थी नजरे, तुम ही थी मेरी बातो का इशारा

Tuesday, June 9, 2009

इंतजार मे तेरे , मेरे , आँखों से आंसू रूठ गए

इंतजार मे तेरे , मेरे , आँखों से आंसू रूठ गए
तुम न आई ख्वाबो मे तो ,नीदों से नाते टूट गए
पर जब भी तुम आओगी सजनी ,
हो जायेगी फ़िर बरसाते...बंध जायेगे रिश्ते नाते ...
हाँ , जब भी तुम आओगी सजनी ,
हो जायेगी फ़िर बरसाते...बंध जायेगे रिश्ते नाते ...

***
बेकरार मे तेरे , मेरे , दिल से सागर छूट गए
न जाने तुम कब कहाँ , चैन हमारे लूट गए
पर जब भी तुम आओगी सजनी ,
ले आओगी फ़िर सौगाते...सुन जाओगी मेरी बातें...
हाँ , जब भी तुम आओगी सजनी ,
ले आओगी फ़िर सौगाते...सुन जाओगी मेरी बातें...

Thursday, June 4, 2009

खुशनुमा जमीं, बेदाग़ फलक, सपनो की अब बातें है

आने वाले समय की कल्पना कर मैंने प्राकृति पर कुछ पंक्तिया लिखने की कोशिश की है , उम्मीद करता हू कि जो जैसा लिखा है वैसा कभी न हो ...

खुशनुमा जमीं, बेदाग़ फलक, सपनो की अब बातें है
बरसो हुए चांदनी देखे , अब तो काली रातें है
काट चुका हू लाखो साख, और काट रहा हू मै
गुनाहगारों की इस दुनिया मे , मर मर जी रहा हू मै

सावन कई बीत गए , पर बदरा नही छाते है
किस्से और कहानियो मे ही, होती अब बरसाते है
नदिया सारी सूख चुकी , अब सागर सुखा रहा हू मै
गुनाहगारों की इस दुनिया मे , मर मर जी रहा हू मै

बाग़ है सूने सूने , सूने मौसम हुए जाते है
धूल और धुए मे ही , मिलती अब सौगाते है
पंछी सारे मार चुका , अब पशुए मार रहा हू मै
गुनाहगारों की इस दुनिया मे , मर मर जी रहा हू मै

Sunday, May 31, 2009

कभी तू मुझसे दूर कहीं , कभी तू मुझमे पास है ...

कभी तू मुझसे दूर कहीं , कभी तू मुझमे पास है
हर घड़ी हर लम्हा मुझको , बस तेरी तलाश है ॥
कभी तू साँसों की जुबां , कभी तू दिल की आस है
तू ही तू बातो का मंजर , तू ही मेरी प्यास है ॥

***
कभी तू आँखों की कशिश , कभी तू मन का राज है
तू ही तू इस दिल के अन्दर , तू ही मेरा साज है ॥
कभी तू लहराती पवन , कभी तू ग़म का राज है
तुझसे ही जन्नत है मेरी , तू ही मेरी आवाज है ॥

***
कभी तू माथे की चमक , कभी तू मेरा नाम है
तेरे ही हांथो से बनता , मेरा हर एक काम है ॥
कभी यू फूलो की महक , कभी तू प्यारा जाम है
तुझसे है रौशन है रोशनी , तू ही तो हर शाम है ॥

***

अपनी साँसों से फिज़ा को तुम महकाए रह्ते हो

छुप गया है बादलो मे , शम्स यू ही कही
नजर चुराए बैठा है , चाँद जैसे है ही नही
सोचता हू मै कही तुम , कुछ घबराए रहते हो
अपनी नजरो की चमक से ,फलक सजाए रह्ते हो
***
होश तो है ही नही , अब हर कोई बेहोश है
दिल मे मेरे भी , तुम्हे पाने का एक जोश है
मेरी याद दिल मे कही , तुम बसाए रह्ते हो
मुझमे समाए मै को तुम , ख़ुद मे समाए रह्ते हो
***
धड़कने चलती है मेरी , साँसों से तेरी सनम
देख मेरा हाल कर तू , मुझपर थोड़ा रहम
लग रहा मुझको यही तुम कुछ छुपाए रह्ते हो
अपनी साँसों से फिज़ा को तुम महकाए रह्ते हो

Friday, May 22, 2009

कुछ भी हो नाम मेरा, मै जोकर ही कहलाता हू ...

अपनी यह कहानी तुमको , कैसे मै सुनाऊ यारो

अश्को के इस दरिया में, मोती कैसे दिखाऊ प्यारो

गम है हजार दिल में पर , मै मुस्कुराता रहता हू

रूठा है रुब मुझसे मेरा, और मै मनाता रहता हू
***

सोचता हू मै भी कभी , अपना एक घर बसाऊंगा

मेरी तो कीमत ही क्या है, मै क्या ख्वाब सजाऊंगा

रोता हू दिल ही दिल में मै , पर कहता रहता हू

तुम हंसो, सबको हंसाओ, मै भी तो हँसता रहता हू
***

हंसती है किस्मत मेरी, कहकर मुझे जोकर यहाँ

जीता हू मर-मर के मै , खाकर रोज ठोकर यहाँ

देकर भी सुबकुछ अपना मै, कुछ नहीं पाता हू

कुछ भी हो नाम मेरा, मै जोकर ही कहलाता हू

Sunday, May 10, 2009

आज भी मुझको वो एक , मीठी लोरी सुना देगी...

कुछ भूल गया हू उसको मै, अपनी मंजिल की तलाश मे
पर देख रहा हू ख़ुद को , उसकी नज़रो की हर आस मे
तुम जानो या न जानो , पर जानता हू मै यही ... कि
मेरे इंतज़ार मे वह , सदिया कई बिता देगी
आज भी मुझको वो अपने , सीने से लगा लेगी
***
आ गया हू दूर फ़िर भी , आती है आवाज़ उसकी
कह रही हो मुझसे जैसे , मै ही हू हर साँस उसकी
तुम जानो या न जानो , पर जानता हू मै यही ... कि
अपने आँचल मे मुझे वो , फ़िर कही छुपा लेगी
आज भी मुझको वो अपने पलकों पर बिठा लेगी
***
आ गई है आज फ़िर , कुछ भूली बिसरी याद मुझको
उसकी ममता , डाट उसके , और एक एक बात मुझको
तुम जानो या न जानो , पर जानता हू मै यही ... कि
देखकर मुझको वो अपने , अश्को को बहा देगी
आज भी मुझको वो एक , मीठी लोरी सुना देगी

Sunday, April 12, 2009

मुझे पता है सदियों से यह , तुझे पता चल जाएगा ...

मजमा ऐ हुस्न कही , जब यूही जमा हो जाएगा

मेरी तो नजरे वही है , नजर जहा तू आएगा

जो देखे नजरो से मेरी , तुझसा हंसीं नही है कोई

मुझे पता है सदियों से यह , तुझे पता चल जाएगा ...

***
उगता है सूरज तभी , जब जागे तू नीद से अपनी

मेरी तो राते होती है , बंद करे जब आंखे अपनी

रौशन होगा जहाँ मेरा , जब भी तू मुस्कुरा जाएगा

मुझे पता है सदियों से यह , तुझे पता चल जाएगा ...

***
गम है ज़माने मे कई मगर , तू है मेरे गम की दवा

चलती है जो सांसे हमारी , तू है इनकी महकती हवा

हो जाएगा जीवन सफल , जो तू मुझमे मिल जाएगा

मुझे पता है सदियों से यह , तुझे पता चल जाएगा ...

कट गया हर लम्हा कैसे , वक्त का न ख्याल किया ...

कट गया हर लम्हा कैसे , वक्त का न ख्याल किया
थे नशे मे पल पल चूर , ख़ुद से न सवाल किया

कुछ पल मेरे साथ चले वो , फ़िर रास्ता नया इक्तियार किया
छोड़ गए तन्हा हमको , जिन रास्तो पर उनका इंतजार किया

आज फ़िर लगाती है मुझको ये राहे बिरानी ...
आज फ़िर दिखती है सूरत इक जानी पहचानी ...

***
सुर्ख धुप मे भी था हरपल ही साया उनका
अब कही गुम सी है मुझसे ही परछाई मेरी

कही दिखती नही मुझे मेरे हांथो की गहरी लकीर
अब तो बस नजर आए मेरा खुदा मुझसा फ़कीर

आज फ़िर रूठे है मुझसे ही मेरी हस्ती ...
आज फ़िर डूबे है बिन पानी मेरी कश्ती ...

***
रात भर देखा करते , चाँद को बिन पलके झपकाए
जल गए चादनी मे उसके , उनसे है हम कुछ घबराए

जिन्दा रहकर भी यहाँ मैं हरपल मरता रहता हू
देकर मुझको जहर गए जो पल पल पीता रहता हू

आज फ़िर आँखों मे उतर आया दिल का गुमाँ ...
आज फ़िर ख्वाबो मे नजर आया उनका निशाँ ...

***

Friday, April 10, 2009

गुनगुनाती सुबहो से , जो की मैंने बातें

गुनगुनाती सुबहो से , जो की मैंने बातें
ले आयी खुश्बुयो की , ये फिजाये सौगाते

यादो ही यादो मे बीत जाए जिंदगानी

उससे जो मिला दे रब , तेरी महेरबानी ...

लहराती हवाओं से , जो हुई मुलाकाते

छा गयीं ये घटाये , हो गयीं बरसाते

आँखों मे छा जाए उसके चहरे की रवानी

मुझको जब दे जाए कोई उसकी निशानी ...

मुस्कुराती यादो से जो हुई मेरी राते

ले गई ख्वाबो से मेरी नीदे वो जाते

ख्वाबो ही ख्वाबो मे कट जाए अब जवानी

उनसे जो मिल जाए मेरे प्यार की कहानी ...

Thursday, April 2, 2009

वो छोड़ गए तनहा अब हमको , यह प्रीत लगाई थी जिनकी

नजरो में हमने अपनी , एक तस्वीर बसाई थी जिनकी
वो छोड़ गए तनहा अब हमको , यह प्रीत लगाई थी जिनकी

राहो में खुशबू थी बिखरी , जहा जहा से गुजरे थे वो
अब तो बस यादे है उनकी , यह राह बनाई थी जिनकी

थे कभी रौशन गुलिस्ताँ ,आज है बिरानी का आलम
उनसे अब रूठा है गुलशन , यह गुलज़ार लगाई थी जिनकी

कभी सपनो की बस्ती में भी , था अरमानो का महल हमारा
जल गए अरमां सब उनमे , यह आग लगाई थी जिनकी

उठती थी इस दिल में भी , उमंगो की कुछ ऊंची लहरे
अब तो पल पल टूटे धड़कन , कभी दिल में बसाई थी जिनकी

देख यू ही किस्मत को अपनी , हम भी थे कुछ इतरा जाते
अब नही मिटती लकीरे , कभी हाथो से मिलाई थी जिनकी

थे बसे नस नस में मेरे , अब निकले यह जान है
ले गए हर साँस हमारी , कभी अपनी बनाई थी जिनकी

न देखा था हमने कभी , जख्मो को यू बनते नासूर
अब तो उनमे ही मरहम है , यह चोट लगाई थी जिनकी

कर गुजरा था कुछ भी मे , बिन समझे उनके इशारे
अब तो बस लटका हू उसमे , यह सलीब बनाई थी जिनकी

नजरो में हमने अपनी , एक तस्वीर बसाई थी जिनकी
वो छोड़ गए तनहा अब हमको , यह प्रीत लगाई थी जिनकी

Tuesday, March 24, 2009

आज फ़िर ख्वाबो मे नजर आया उनका निशान

कट गया हर लम्हा कैसे , वक्त का न ख्याल किया
थे नशे मे पल पल चूर , ख़ुद से न सवाल किया
कुछ पल मेरे साथ चले वो , फ़िर रास्ता नया इक्तियार किया
छोड़ गए है तन्हा अब हमको जिन रास्तो पर उनका इंतजार किया
आज फ़िर लगाती है मुझको ये राहे बिरानी
आज फ़िर दिखती है सूरत इक जानी पहचानी

सुर्ख धुप मे भी था हरपल ही साया उनका
अब कही गुम सी है मुझसे ही परछाई मेरी
कही दिखती नही मुझे मेरे हांथो की गहरी लकीर
अब तो बस नजर आए मेरा खुदा मुझसा फ़कीर
आज फ़िर रूठे है मुझसे ही मेरी हस्ती
आज फ़िर डूबे है बिन पानी मेरी कश्ती

रात भर देखा करते जिस चाँद को बिन पलके झपकाए
जल गए चादनी मे उसके , अब उनसे है हम घबराए
जिन्दा रहकर भी यहाँ मैं हरपल मरता रहता हू
देकर मुझको जहर गए जो पल पल पीटा रहता हू
आज फ़िर आँखों मे उतर आया दिल का गुमान
आज फ़िर ख्वाबो मे नजर आया उनका निशान





Sunday, March 15, 2009

कभी नजरे चुराकर जो मेरी आँखों मे बस जाए ...

कभी नजरे चुराकर जो मेरी आँखों मे बस जाए
कभी नीदों मे आकर जो मेरे ख्वाबो पे हँस जाए
अगर रूठा है सावन तो जिनके आने से बरस जाए

हाँ तू ही तू मेरे ख्वाब मे आए ...
मेरी तू तकदीर बनाए ...
तुझसे ही चलती है साँसे ...
बिन तेरे अब रहा न जाए ...

कभी होठो पे सजकर जो मेरी बातो मे उतर जाए
कभी पलके झुकाकर जो मेरी नजरों मे नजर आए
अगर माउस है दिल मेरा जिन्हें देख संवर जाए

हाँ तू ही तू मेरे दिल की धड़कन ...
मेरी तू चाहत की तड़पन ...
तुझसे ही दिखती है राहे ...
बिन तेरे अब जिया न जाए ...

Sunday, March 8, 2009

कि काश कभी मै इन्सां नही होता ...

दर्द ही दर्द है इस जहाँ मे सब ओर ,
बहते है आँसू मेरे जब रोए कोई ओर
सोच कुछ बातें मै पल पल हू रोता ,
कि काश कभी ऐसा ये पल नही होता ...

न ही कोई रहनुमा यहाँ , न चितचोर ,
तडपे है मन मेरा जब चीखे कोई ओर
बंद है आंखे मेरी पर दिल नही सोता ,
कि काश कभी मेरा ये दिल नही होता ...

आज हर इन्सां मे छुपा है एक चोर ,
जलता है तन मेरा जब लुटे कोई ओर
क्या मैंने पाया जो मै हू खोता ,
कि काश कभी मै इन्सां नही होता ...

Sunday, February 15, 2009

कभी तू मुझसे दूर कहीं ..

कभी तू मुझसे दूर कहीं , कभी तू मुझमे पास है

हर घड़ी हर लम्हा मुझको , बस तेरी तलाश है ॥

कभी तू सांसो की जुबां , कभी तू दिल की आस है

तू ही इन आँखों का मंजर , तू ही मेरी प्यास है ॥

तेरे इश्क ने ..

तेरे इश्क ने क्या क्या न बना दिया मुझको

कभी जमीं पर गिरा दिया

कभी फलक पर चढा दिया मुझको ॥

जैसे जुदा सब चहरे यहाँ जुदा है रंग सभी

क्यों हर चहरे पर दिखे मुझे तेरा ही चेहरा हँसी

तेरे हुस्न ने क्या क्या न सिखा दिया मुझको

कभी गमीं मे हंसा दिया

तो कभी खुशी मे रुला दिया मुझको ॥

कितने दिन बीत गए ..

कितने दिन बीत गए , न हुआ दीदार तेरा
अब तो हरपल मुझको है , इंतजार तेरा , इंतजार तेरा ॥
शुक्र है खुदा जो , हर तस्वीर मे नजर वो आएं
अब तो तस्वीरो से भी , झलके है प्यार तेरा , प्यार तेरा ॥

मजमा ऐ हुस्न कहीं ..

मजमा ऐ हुस्न कहीं , जब यू ही जमा हो जाएगा

मेरी तो मंजिल वहीं है , नजर जहा तू आयेगा ॥

जो देखे तू नजरो से मेरी , तुझसा हँसी न होगा कोई

मुझे पता है सदियों से यह , तुझे पता चल जाएगा ॥

सपने देख यू ही मै ..

सपने देख यू ही मै , घबरा जाता हू कभी कभी

तुम न आती हो ख्वाबो मे , आ जाते बाकी सभी ॥

कहते है लोग कही , सच होते है ख्वाब तभी

जब हो वो साथ तुम्हारे , जो है सांसो मे अभी ॥

हाँ तुम ही हो सांसो मे हरपल , तुम ही मेरे ख्वाब सभी ॥

सुनता रहू बातें तुम्हारी ...

सुनता रहू बातें तुम्हारी , बस यही एक बात है

तुमसे ही गुफ्तगू कर मिलती , दिल को आफियात है ॥

हर घड़ी हर लम्हा बस , तेरा ही इंतजार है

न कहे तू मुझसे पर, तू ही मेरा प्यार है , हां तू ही मेरा यार है ॥

तू ही तू मेरे ख्वाब मे आए ...

तू ही तू मेरे ख्वाब मे आए , मेरी तू तकदीर बनाये

तुझसे ही चलती हैं साँसे, बिन तेरे अब रहा न जाए ॥

तू जो हंस दे बदले मौसम , बिखरे जुल्फे बादल लहराए

तेरी इन आँखों का मंजर , मुझको तेरे पास बुलाये ॥

Tuesday, February 10, 2009

लब्ज न मिल पाये तेरी तारीफ़ मे मेरे खुदा...

लब्ज न मिल पाये तेरी तारीफ़ मे मेरे खुदा ,
जो हर रंग मे तेरे वों , नजर मुझको आ गई ...
अदाओ ने उसकी मुझको, कुछ किया ऐसा फ़िदा ,
बीरान इस दिल मे कही फ़िर बहार आ गई ...

Sunday, February 8, 2009

शुक्रिया ऐ खुदा मेरे ..

शुक्रिया ऐ खुदा मेरे , जो दीदार ऐ दिलबर कराया आपने ,
रहेम् ऐ खुदाई तेरी , जो हमारी इबादतों को अपनाया आपने ..
बरसो से झलक ऐ सनम की चाहत थी दिल मे ,
हमारी हर खुशी हमे दी , शागिर्द अपना बनाया आपने ...

Friday, February 6, 2009

नशा है किसी को महकती शराब का...

नशा है किसी को महकती शराब का ,
कही छाया है सुरूर हुस्न ऐ शबाब का ,
गुम है हर शख्स अपने ही जहा में कही ,
हमे है नशा ऐ सुरूर बस एक हँसी ख्वाब का ...

Tuesday, February 3, 2009

नजरे जो है रौशन तुम्ही से...

नजरे जो है रौशन तुम्ही से
तुम्हारे सिवाय जब मिली किसी से ,
मेरी यही तमन्ना है दिल से
भर जाये मेरी नजरे नमी से ...

चलती है जो सांसे तुम्ही से
बिन तुम्हारे जब चले कही से ,
रब यही एक दुआ तुम्ही से
हो जाये जुदा ये सांसे हमी से ...

सजते है जो ख्वाब तुम्ही से
तुमसे खफा जो सजे कही से ,
हमारी यही खवाइश हमी से
भर जाए हर ख्वाब ग़मी से ...