Thursday, July 24, 2008

कागज़ की नाव मे

कागज़ की नाव मे हांथी है बैठा
जुगनू के गाव मे तारो का डेरा ,
देखो समंदर मे पंछी है तैरे
ऊंचे गगन मे मछली का घेरा ...
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बादल के झूले मे चंदा है झूले
सूरज की आँखों मे सपनो का फेरा ,
देखो ये बारिश सोना है बरसे
चलते पवन मे घर है मेरा ...

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