कागज़ की नाव मे हांथी है बैठा
जुगनू के गाव मे तारो का डेरा ,
देखो समंदर मे पंछी है तैरे
ऊंचे गगन मे मछली का घेरा ...
***************************
बादल के झूले मे चंदा है झूले
सूरज की आँखों मे सपनो का फेरा ,
देखो ये बारिश सोना है बरसे
चलते पवन मे घर है मेरा ...
Thursday, July 24, 2008
कागज़ की नाव मे
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment