कहता हू हर पल से रुक जा , देखू उनको जी भर के मैं ,
रहता हू खवाबो मे खोया , सोचू उनको दिनभर ही मैं ...
सजदे मे उनको ही झुके सर , बन गए वो मेरे खुदा ...
रब से हरपल यही गुजारिश , न हो कभी मुझसे जुदा ...
Saturday, August 30, 2008
कहता हू हर पल जा ...
Thursday, August 28, 2008
कभी न थी यह ख्वाइश ...
कभी न थी यह ख्वाइश मेरी , की खुश रहे तू मेरे कारण
पर रब से मैंने चाहा हरदम , गम न हो तुझे मेरे साजन
डरता हू यह सोच के मै , की छीन न तुझे मुझसे कोई
पर दिल से मैं कहता हू हमदम , तू है मुझमे मैं तेरी धड़कन ...
Tuesday, August 26, 2008
आँखे जो बंद कर लेता हू ...
आँखे जो बंद कर लेता हू , ख्वाबो मे आ जाती तुम
कुछ भी सोचू उससे पहले मुझको यू पड़ जाती तुम
तुम्हे देखने मे ही सारी उमर बीत जायगी
न जाने ख्वाबो से निकलकर बाहों मे कब आओगे तुम ...
चहरे पर हँसी है जो छाई
चहरे पर हँसी है जो छाई , कभी सोचा तुमने कहा से है वो आई
मुस्कुराना कभी न था मुस्किल पर हमारी तो हँसी तुमसे है आई
जिंदगी तो जी लेते है सब , बिन तुम्हारे जीना भी क्या ,
जब से हमने देखा है तुमको , साँसों ने अपनी धड़कन है पाई ...
Friday, August 22, 2008
सोचता हू जब भी मिलू ...
सोचता हू जब भी मिलू , देखता ही जाऊ उसका चहेरा ,
यह पल क्यू बीत जाए रे , जब भी देखू उसका चहेरा
एक जनम बीत जाएगा , जो दिखाए वो अपनी अदाए ,
हर जनम कम पड़ जाए रे , जो दे दू उसको दुआए
बदल भी शरमा जाए जो दे वो जुल्फे फैला ,
पर्वत भी लहरा जाए जो देखे वो नजरे मिला ...
Thursday, August 21, 2008
जो कर दिया वादा ...
जो कर दिया वादा तुमसे , उसपर ही कायम रहेगे हम
न की कभी वेवफाई हमने , न ही कभी करेंगे हम ,
तुमसे एक वादा मैं चाहू , न करना सिकवा न कोई गम
अगर न कर पाया कभी अपने वादों को मैं पूरा सनम ,
क्योंकी डर लगता है , जिंदगी आज है , कल रहे न रहे हम ...
Wednesday, August 13, 2008
जब तुम्हारी यादो में खोया ...
जब तुम्हारी यादो में खोया ,
टकरा जाऊ किसी दरख्त से
लोग कहते है , मैं भी नही बचा ,
इस जुल्मी इश्क कमबख्त से ...
Thursday, August 7, 2008
जन्नत मे रहती है तू ...
जन्नत मे रहती है तू , मेरे खवाबो की है जिंदगी
रहता हू यादो मे तेरी , तू है मेरी बंदगी
कहता हू हर पल से रुक जा , देखू तुझको जीभर के
मन्नत ये मेरी दिल से , तू बन जा मेरी हमनशी ...
Wednesday, August 6, 2008
हांथो की मेहदी ...
हांथो की मेहदी रंग ला रही है आहिस्ता आहिस्ता
बातों ही बातों मे कुछ समझा रही वो आहिस्ता आहिस्ता
लब्जो को समझने मे न हो जाए गुस्ताखी हमसे
इकरार ऐ मोहब्बत लबों पर आ रही है आहिस्ता आहिस्ता ...
Tuesday, August 5, 2008
जहा तक है जमीं ये ...
जहा तक है जमीं ये , वहा तक खोजा तुमको
न जाने क्यू न मिल पाई , हर तरफ़ ढूँढा तुमको
परेशां हो जब पूंछा रब से पता तुम्हारा , कहने पर उसके
जो देखा दिल मे मैने , पाया वहा मुस्कुराते तुमको ...
Monday, August 4, 2008
चहरे से नकाब ...
चहरे से नकाब जो हटा देता हू मैं ,
न जाने क्यू पहचान छुपा लेते है लोग
इंसां को जो को ख़ुद से मिला देता हू मैं ,
न जाने क्यू दूरिया बड़ा लेते है लोग
चाहता तो हू की सब को मिल जाए हर खुशी ,
पर जब झूठ से परदा जो उठा देता हू मैं
न जाने क्यू हम पर ही इल्जाम लगा देते है लोग ...
रात मे दिन क्यू हो जाए ...
रात मे दिन क्यू हो जाए , जब देखू तेरा चेहरा
हर तरफ़ तू नजर आए , जब ढूँढू तेरा चेहरा
जन्नत यही पर दिख जाए , खुशबू हवा मे मिल जाए
वक्त यू ही क्यू थम जाए , हाँ ... जब देखू तेरा चेहरा
Saturday, August 2, 2008
कहते से खुदा से हरपल ...
कहते से खुदा से हरपल , मिला दे उनसे कहीं
रहते थे ख्वाबो मे उनके , जैसे हो वो यहीं कहीं
जब भा गया दिल को कोई ,
फ़िर क्या ग़लत और क्या सही
कभी तो समझेगी हमारे , दिल की वो अनकही ...