Tuesday, August 5, 2008

जहा तक है जमीं ये ...

जहा तक है जमीं ये , वहा तक खोजा तुमको
न जाने क्यू न मिल पाई , हर तरफ़ ढूँढा तुमको
परेशां हो जब पूंछा रब से पता तुम्हारा , कहने पर उसके
जो देखा दिल मे मैने , पाया वहा मुस्कुराते तुमको ...

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