Monday, August 4, 2008

रात मे दिन क्यू हो जाए ...

रात मे दिन क्यू हो जाए , जब देखू तेरा चेहरा

हर तरफ़ तू नजर आए , जब ढूँढू तेरा चेहरा

जन्नत यही पर दिख जाए , खुशबू हवा मे मिल जाए

वक्त यू ही क्यू थम जाए , हाँ ... जब देखू तेरा चेहरा

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