Sunday, April 12, 2009

मुझे पता है सदियों से यह , तुझे पता चल जाएगा ...

मजमा ऐ हुस्न कही , जब यूही जमा हो जाएगा

मेरी तो नजरे वही है , नजर जहा तू आएगा

जो देखे नजरो से मेरी , तुझसा हंसीं नही है कोई

मुझे पता है सदियों से यह , तुझे पता चल जाएगा ...

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उगता है सूरज तभी , जब जागे तू नीद से अपनी

मेरी तो राते होती है , बंद करे जब आंखे अपनी

रौशन होगा जहाँ मेरा , जब भी तू मुस्कुरा जाएगा

मुझे पता है सदियों से यह , तुझे पता चल जाएगा ...

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गम है ज़माने मे कई मगर , तू है मेरे गम की दवा

चलती है जो सांसे हमारी , तू है इनकी महकती हवा

हो जाएगा जीवन सफल , जो तू मुझमे मिल जाएगा

मुझे पता है सदियों से यह , तुझे पता चल जाएगा ...

कट गया हर लम्हा कैसे , वक्त का न ख्याल किया ...

कट गया हर लम्हा कैसे , वक्त का न ख्याल किया
थे नशे मे पल पल चूर , ख़ुद से न सवाल किया

कुछ पल मेरे साथ चले वो , फ़िर रास्ता नया इक्तियार किया
छोड़ गए तन्हा हमको , जिन रास्तो पर उनका इंतजार किया

आज फ़िर लगाती है मुझको ये राहे बिरानी ...
आज फ़िर दिखती है सूरत इक जानी पहचानी ...

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सुर्ख धुप मे भी था हरपल ही साया उनका
अब कही गुम सी है मुझसे ही परछाई मेरी

कही दिखती नही मुझे मेरे हांथो की गहरी लकीर
अब तो बस नजर आए मेरा खुदा मुझसा फ़कीर

आज फ़िर रूठे है मुझसे ही मेरी हस्ती ...
आज फ़िर डूबे है बिन पानी मेरी कश्ती ...

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रात भर देखा करते , चाँद को बिन पलके झपकाए
जल गए चादनी मे उसके , उनसे है हम कुछ घबराए

जिन्दा रहकर भी यहाँ मैं हरपल मरता रहता हू
देकर मुझको जहर गए जो पल पल पीता रहता हू

आज फ़िर आँखों मे उतर आया दिल का गुमाँ ...
आज फ़िर ख्वाबो मे नजर आया उनका निशाँ ...

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Friday, April 10, 2009

गुनगुनाती सुबहो से , जो की मैंने बातें

गुनगुनाती सुबहो से , जो की मैंने बातें
ले आयी खुश्बुयो की , ये फिजाये सौगाते

यादो ही यादो मे बीत जाए जिंदगानी

उससे जो मिला दे रब , तेरी महेरबानी ...

लहराती हवाओं से , जो हुई मुलाकाते

छा गयीं ये घटाये , हो गयीं बरसाते

आँखों मे छा जाए उसके चहरे की रवानी

मुझको जब दे जाए कोई उसकी निशानी ...

मुस्कुराती यादो से जो हुई मेरी राते

ले गई ख्वाबो से मेरी नीदे वो जाते

ख्वाबो ही ख्वाबो मे कट जाए अब जवानी

उनसे जो मिल जाए मेरे प्यार की कहानी ...

Thursday, April 2, 2009

वो छोड़ गए तनहा अब हमको , यह प्रीत लगाई थी जिनकी

नजरो में हमने अपनी , एक तस्वीर बसाई थी जिनकी
वो छोड़ गए तनहा अब हमको , यह प्रीत लगाई थी जिनकी

राहो में खुशबू थी बिखरी , जहा जहा से गुजरे थे वो
अब तो बस यादे है उनकी , यह राह बनाई थी जिनकी

थे कभी रौशन गुलिस्ताँ ,आज है बिरानी का आलम
उनसे अब रूठा है गुलशन , यह गुलज़ार लगाई थी जिनकी

कभी सपनो की बस्ती में भी , था अरमानो का महल हमारा
जल गए अरमां सब उनमे , यह आग लगाई थी जिनकी

उठती थी इस दिल में भी , उमंगो की कुछ ऊंची लहरे
अब तो पल पल टूटे धड़कन , कभी दिल में बसाई थी जिनकी

देख यू ही किस्मत को अपनी , हम भी थे कुछ इतरा जाते
अब नही मिटती लकीरे , कभी हाथो से मिलाई थी जिनकी

थे बसे नस नस में मेरे , अब निकले यह जान है
ले गए हर साँस हमारी , कभी अपनी बनाई थी जिनकी

न देखा था हमने कभी , जख्मो को यू बनते नासूर
अब तो उनमे ही मरहम है , यह चोट लगाई थी जिनकी

कर गुजरा था कुछ भी मे , बिन समझे उनके इशारे
अब तो बस लटका हू उसमे , यह सलीब बनाई थी जिनकी

नजरो में हमने अपनी , एक तस्वीर बसाई थी जिनकी
वो छोड़ गए तनहा अब हमको , यह प्रीत लगाई थी जिनकी