Thursday, August 28, 2008

कभी न थी यह ख्वाइश ...

कभी न थी यह ख्वाइश मेरी , की खुश रहे तू मेरे कारण
पर रब से मैंने चाहा हरदम , गम न हो तुझे मेरे साजन
डरता हू यह सोच के मै , की छीन न तुझे मुझसे कोई
पर दिल से मैं कहता हू हमदम , तू है मुझमे मैं तेरी धड़कन ...

No comments: