सोचता हू जब भी मिलू , देखता ही जाऊ उसका चहेरा ,
यह पल क्यू बीत जाए रे , जब भी देखू उसका चहेरा
एक जनम बीत जाएगा , जो दिखाए वो अपनी अदाए ,
हर जनम कम पड़ जाए रे , जो दे दू उसको दुआए
बदल भी शरमा जाए जो दे वो जुल्फे फैला ,
पर्वत भी लहरा जाए जो देखे वो नजरे मिला ...
Friday, August 22, 2008
सोचता हू जब भी मिलू ...
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