न कोई ख़बर उनकी , न ही कोई पैगाम है ,
या तो हमसे नाराज वो , या ख़ुद से परेशां है
जब तक थे साथ हमारे , हर गलिया आबाद थी ,
अब तो ये गलिया क्या , हर मंजर बिरान है ...
Saturday, July 19, 2008
न कोई ख़बर उनकी
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न कोई ख़बर उनकी , न ही कोई पैगाम है ,
या तो हमसे नाराज वो , या ख़ुद से परेशां है
जब तक थे साथ हमारे , हर गलिया आबाद थी ,
अब तो ये गलिया क्या , हर मंजर बिरान है ...
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