Wednesday, July 9, 2008

हीरे की चमक का

हीरे की चमक का हर इंसा है कायल ,

तुम्हारी एक मुस्कराहट क्या हीरे से कम है

चहरे की दमक से हर सख्स है घायल ,

तुम्हारा यह नूर क्या किसी हुस्न से कम है

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