Thursday, July 17, 2008

तुम से मिलवाने आया हू ...

आँखों से बहते अश्को मे , मोती दिखलाने आया हू ,

जख्म दिए है दुनिया ने जो , घाव वो भरने आया हू

दिल से जो होती है बातें , वो बतलाने आया हू ,

मीलो पैदल चलकर तुमको , तुम से मिलवाने आया हू .....

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रात ढले जब छाए अँधेरा , निराश न हो जाना तुम ,

दिन से पहले होती है राते , ये बतलाने आया हू

जो न दिख पाए तुमको वो , राह दिखलाने आया हू ,

मीलो पैदल चलकर तुमको , तुम से मिलवाने आया हू .....

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साथ न दे जब कोई तुम्हारा , ख़ुद से दूर न जाना तुम ,

करलो ख़ुद को इतना पक्का , गम को हर सह जाना तुम

गम से है खुशियो का नाता , ये बतलाने आया हू ,

मीलो पैदल चलकर तुमको , तुम से मिलवाने आया हू .....

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जिसको चाहा दिल से तुमने , जब छोड़ तुम्हे वो जाएगा ,

दिल से देना उसको दुआए , चैन तुम्हे आ जायेगा

प्यार वही सच्चा है यारा , जिसमे यार रहे खुश हरदम ,

मीलो पैदल चलकर तुमको , तुम से मिलवाने आया हू .....

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नजरो से जो दिखता है , सच नही होता वो हरदम ,

दिल से तुम पहचानो इंसान को , मनो उसको अपना हरदम

दिल से जो होती है बातें , वो बतलाने आया हू ,

मीलो पैदल चलकर तुमको , तुम से मिलवाने आया हू .....

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