गमो की बारिसों मे हम इतना भीगे की ,
सुर्ख सर्दिया भी अंगारे बरसाने लगी
तुम्हे भूलने की नापाक कोशिशों मे ,
पल पल तुम्हारी याद आने लगी
Saturday, June 28, 2008
गमो की बारिसों मे
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गमो की बारिसों मे हम इतना भीगे की ,
सुर्ख सर्दिया भी अंगारे बरसाने लगी
तुम्हे भूलने की नापाक कोशिशों मे ,
पल पल तुम्हारी याद आने लगी
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