Wednesday, June 18, 2008

शुक्र ये खुदाया

शुक्र ये खुदाया जो तुने एहसास ये मोहब्बते बनाई
अगर ये न होती तो जहाँ ये खुदायी भी ना होती
फिक्र ये मौला मेरे जो तुने दिले ये चाहते बनाई
अगर ये न होती तो इल्म ये जुदाई भी न होती

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