Sunday, June 29, 2008

अश्क जो मोहब्बत में

अश्क जो मोहब्बत में निकलते है दिले अहेसास से
उन अश्को को ऊही बहा मोहब्बत को बदनाम न करो
खुदा ने जो हुस्न दिया है सच्चे इमान से
उस हुस्न को ऊही दिखा सरेआम न करो

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