Monday, June 2, 2008

जनाजा मेरी मोहब्बत का


जनाजा मेरी मोहब्बत का , तेरी अश्को से होकर गुजरेगा
इन अश्को से मोती बनाकर , तेरे दामन को भरने की चाहत है
दुआए तेरी खिदमत मे, मेरी मजनूने दिल से निकलेगी
इन दुआयो को सीने मे बसाकर , तेरे मन मे उतरने की चाहत है

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