Sunday, February 15, 2009

सुनता रहू बातें तुम्हारी ...

सुनता रहू बातें तुम्हारी , बस यही एक बात है

तुमसे ही गुफ्तगू कर मिलती , दिल को आफियात है ॥

हर घड़ी हर लम्हा बस , तेरा ही इंतजार है

न कहे तू मुझसे पर, तू ही मेरा प्यार है , हां तू ही मेरा यार है ॥

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