मजमा ऐ हुस्न कहीं , जब यू ही जमा हो जाएगा
मेरी तो मंजिल वहीं है , नजर जहा तू आयेगा ॥
जो देखे तू नजरो से मेरी , तुझसा हँसी न होगा कोई
मुझे पता है सदियों से यह , तुझे पता चल जाएगा ॥
मजमा ऐ हुस्न कहीं , जब यू ही जमा हो जाएगा
मेरी तो मंजिल वहीं है , नजर जहा तू आयेगा ॥
जो देखे तू नजरो से मेरी , तुझसा हँसी न होगा कोई
मुझे पता है सदियों से यह , तुझे पता चल जाएगा ॥
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