मजमा ऐ हुस्न कही , जब यूही जमा हो जाएगा
मेरी तो नजरे वही है , नजर जहा तू आएगा
जो देखे नजरो से मेरी , तुझसा हंसीं नही है कोई
मुझे पता है सदियों से यह , तुझे पता चल जाएगा ...
***
उगता है सूरज तभी , जब जागे तू नीद से अपनी
मेरी तो राते होती है , बंद करे जब आंखे अपनी
रौशन होगा जहाँ मेरा , जब भी तू मुस्कुरा जाएगा
मुझे पता है सदियों से यह , तुझे पता चल जाएगा ...
***
गम है ज़माने मे कई मगर , तू है मेरे गम की दवा
चलती है जो सांसे हमारी , तू है इनकी महकती हवा
हो जाएगा जीवन सफल , जो तू मुझमे मिल जाएगा
मुझे पता है सदियों से यह , तुझे पता चल जाएगा ...
Sunday, April 12, 2009
मुझे पता है सदियों से यह , तुझे पता चल जाएगा ...
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