Sunday, March 15, 2009

कभी नजरे चुराकर जो मेरी आँखों मे बस जाए ...

कभी नजरे चुराकर जो मेरी आँखों मे बस जाए
कभी नीदों मे आकर जो मेरे ख्वाबो पे हँस जाए
अगर रूठा है सावन तो जिनके आने से बरस जाए

हाँ तू ही तू मेरे ख्वाब मे आए ...
मेरी तू तकदीर बनाए ...
तुझसे ही चलती है साँसे ...
बिन तेरे अब रहा न जाए ...

कभी होठो पे सजकर जो मेरी बातो मे उतर जाए
कभी पलके झुकाकर जो मेरी नजरों मे नजर आए
अगर माउस है दिल मेरा जिन्हें देख संवर जाए

हाँ तू ही तू मेरे दिल की धड़कन ...
मेरी तू चाहत की तड़पन ...
तुझसे ही दिखती है राहे ...
बिन तेरे अब जिया न जाए ...

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