Wednesday, August 19, 2009

इस जहाँ मे हुस्न के, दीवाने है कई

इस जहाँ मे हुस्न के, दीवाने है कई

हुस्न एक तुम, परवाने है कई

मै भी हू दीवाना तेरे, हुस्न ऐ दीदार का

पर क्या करू यारा, तुझे देखने वाले है कई

जैसे जुदा सब चेहरे यहाँ, जुदा है रंग कई

चेहरा एक तुम, अफ़साने है कई

मै भी हू परवाना तेरे, चश्मे बेदार का

पर क्या करू दिलदारा, तुझे चाहने वाले है कई

खुमार ऐ जाम का, या लबों से तेरे अनजाने है कई

जाम एक तुम, महखाने है कई

मै भी एक तराना तेरे, चर्चा ऐ नामदार का

पर क्या करू यारा, तुझे गाने वाले है कई

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